मेगा स्टार चिरंजीवी जिनका नाम कोनिडेला शिव शंकर वर प्रसाद है, तेलुगु सिनेमा के एक महान कलाकार हैं उनका जन्म 22 अक्टूबर 1955 को आंध्र प्रदेश के मोगलथुर गांव में हुआ था। चिरंजीवी जी के फिल्मी करियर की शुरुआत 1978 और उनके अपने अभिनय और नृत्य कौशल तेलुगु फिल्म इंडस्ट्री को नई दिशा दी आज हम उनकी जिंदगी के फिल्मी करियर और उनके योगदान के बारे में बात करेंगे
Chiranjeevi के career की शुरुआत
चिरंजीवी ने अपने करियर की शुरुआत 1978 में फिल्म "पुनाधिरल्लू" से की थी, यह फिल्म ज्यादा हिट नहीं हुई लेकिन यही वो फिल्म थी, जिसने उन्हें इंडस्ट्री में पहचान दिलाने में मदद की, इसके बाद उन्होंने "खिलाड़ी कृष्णुडु" जैसी फिल्मों में काम किया जिससे उनका नाम और भी मशहूर हो गया।
1980 के दशक में चिरंजीवी ने अपने करियर को नये आसमान पर ले जाने वाले काई सुपरहिट और ब्लॉकबस्टर फिल्म दी "कैदी" (1983) उनकी पहली फिल्म थी जो उन्हें सुपरस्टार बने में अहम भूमिका निभायी, इस फिल्म ने बॉक्स ऑफिस पर धमाल मचा दिया ,और चिरंजीवी का नाम इंडस्ट्री में सबसे ऊपर आया। इसके बाद उन्हें "पसिववादी प्रणाम" "स्वयंक्रुशी" और "शंकर दादा एम.बी.बी.एस" जैसी हिट फिल्में दी चिरंजीवी का डांस स्टाइल और एक्शन सीक्वेंस उनकी फिल्म को अलग और बनाती थी, उनकी फिल्म अक्सर सोशल मीडिया पे ट्रेंडिंग भी करती थी , जिसे लोग उनसे कनेक्ट करते थे। उनकी फिल्मों में उनका स्टाइलिश लुक और करिश्माई स्क्रीन प्रेजेंस देखने लायक होता था |
फ़िल्मी विरासत
चिरंजीवी ने 2008 में प्रजा राज्यम पार्टी की स्थापना की थी जिसका मकसद आंध्र प्रदेश के लोगों की सेवा का कर्ण था और उनकी राजनीतिक यात्रा कुछ आह्वान रही लेकिन उन्हें अपने-अपने समर्थ लोगों के साथ मिलकर काफी प्रयास करने पड़े, कुछ समय बाद कांग्रेस पार्टी में शामिल हुए और केंद्रीय मंत्री भी बन सकते हैं उनके राजनीतिक करियर का लक्ष्य उन्हें कभी नहीं भुलाया जा सका लोगों की जिंदगी में सुधार लाना था |
पुरस्कार और सम्मान
चिरंजीवी को उनके काम के लिए अनेक पुरस्कार और मिले हैं उन्हें राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार फिल्मफेयर पुरस्कार और नंदी पुरस्कार जैसे कई प्रतिष्ठित पुरस्कार से सम्मनित किया गया है। उनके योगदान के लिए उन्हें पद्म भूषण से भी नवाजा गया जो उनकी कलात्मक और सामाजिक सेवा के लिए है |
निजी जीवन : चिरंजीवी का निजी जीवन भी काफी दिलचस्प है। उनका विवाह सुरेखा कोनेडेला से हुआ, जिनकी उनकी दो बेटियां एक बेटा हैं: सुष्मिता, श्रेया और राम चरण । उनकी पारिवारिक जिंदगी हमेशा उनके करियर का एक महत्वपूर्ण हिस्सा रही है। उन्हें हमेशा अपने परिवार को अपने करियर के ऊपर रखा और उनकी खुशियों का ख्याल रखा।
चिरंजीवी का प्रभाव सिर्फ उनकी फिल्म तक सीमित नहीं है, बाल्की ने अपने स्टाइल, डायलॉग डिलीवरी और डांसिंग स्किल्स से नए एक्टर्स को इंस्पायर किया है। आज भी नए एक्टर्स उनसे सीखें और उनको फॉलो करें की कोशिश करते हैं उनका विरासत तेलुगु सिनेमा में सदाब बना रहेगा
निष्कर्ष
चिरंजीवी एक ऐसी शख्सियत हैं जिनमें अपनी प्रतिभा और कड़ी मेहनत है, तेलुगु सिनेमा को एक नई पहचान दी उनका अभिनय नृत्य और सामाजिक सेवा उन्हें सबसे अलग बनाती है। उनका सफर हमेशा नए कलाकारों के लिए प्रेरणा का स्रोत बना रहा है चिरंजीवी का नाम तेलुगु सिनेमा में हमेशा चमकता रहेगा और उनकी विरासत आने वाले दिनों तक याद राखी जाएगी।
उनकी कहानी हमें ये सिखाती है कि अगर आपने सपने को सच्चे दिल से फॉलो किया है तो कोई भी चीज़ आपको रोक नहीं सकती। चिरंजीवी ने साबित किया है कि अपनी प्रतिभा, समर्पण और जुनून से ऐप किसी भी उड़ान को भर सकता है|
Post a Comment