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NEET EXAM में भ्रष्टाचार : 2024 NEET घोटाले का खुलासा छात्रों ने लगाई SUPREME COURT में बुहार


 

NEET EXAM 2024 में, एक चौंकाने वाला घोटाला भारत में चिकित्सा शिक्षा प्रणाली को हिलाकर रख दिया। इस  वर्ष NEET (राष्ट्रीय पात्रता-सह-प्रवेश परीक्षा) घोटाले ने भ्रष्टाचार के एक ऐसे जाल का पर्दाफाश किया , जिसने देश को अंदर तक हिलाकर रख दिया। आइये  इस लेख में, हम इस घोटाले को विस्तार से समझे  , उन प्रणालीगत मुद्दों को उजागर करेंगे जिन्होंने इस तरह के भ्रष्टाचार को पनपने दिया।


NEET घोटाले की उत्पत्ति

NEET परीक्षा का उद्देश्य मेडिकल प्रवेश प्रक्रिया को सुव्यवस्थित करना था, जिससे मेडिकल कॉलेजों के लिए उम्मीदवारों का निष्पक्ष और पारदर्शी चयन सुनिश्चित हो सके। हालाँकि, समय के साथ, सिस्टम में खामियाँ और विसंगतियाँ सामने आने लगीं, जिससे शोषण का रास्ता खुल गया। घोटाले  की प्लानिंग पेपर के पहले से ही चल रही थी उत्तर प्रदेश में   20 से 30 लाख में नीट का पेपर बेचा जा रहा था इस  का खुलासा U.P  पुलिस खुद किया है और गुजरात में पूरी गैंग अरेस्ट हुई है NTA ने अपनी शिछा प्रद्ली में भी बदलाव किया टाइम स्तोर्ताज के कारण ग्रेस मार्क दिए गए है |

निगरानी की कमी

NEET घोटाले का मूल कारण परीक्षा प्रणाली के भीतर उचित निगरानी और विनियमन की कमी को माना जा सकता है। कदाचार को रोकने के लिए कोई सख्त तंत्र न होने के कारण, बेईमान व्यक्तियों के लिए व्यक्तिगत लाभ के लिए प्रक्रिया में हेरफेर करना आसान हो गया। 

NTA(national testing agency )  की एक लापर वही से 23  लाख बच्चो के साथ अन्याय हो 
गया  है , एक  ही समय में   इतने सारे बच्चो का exam conduct  करना आसान नहीं  होता ऊपर  से इतनी बड़ी चूक कैसे हो सकती है NTA  का यह कहना की समय की के कारण ऐसी लापर वही हुई।समय कि कमी के कारण कुछ बच्चो को ग्रेस मार्क्स भी दिए गए है  ओएमआर शीट में और काफी ज्यादा नुम्बरो का संतर दिखाई दे रहा था | 





अधिकारियों के बीच मिलीभगत

NEET घोटाले को बढ़ावा देने वाला एक और महत्वपूर्ण कारक परीक्षा अधिकारियों, कोचिंग सेंटरों  और सिस्टम  के  वो बड़े लोग जिन होने इस घोटाले   को अंजाम दिया  इस में कुछ गिरो भी शामिल थे  । इस अपवित्र गठबंधन ने परीक्षा के पेपर लीक करने, परिणामों में हेरफेर करने और अयोग्य उम्मीदवारों के लिए सीटें सुरक्षित करने के लिए मिलकर काम किया, जिससे सिस्टम के भीतर भ्रष्टाचार की संस्कृति को बढ़ावा मिला। NEET Exam के रिजल्ट जान बच कर election के दिन ही रिलीज़ किया गया जिससे किसी का धियान ना जिसके  |

घोटाले का पर्दाफाश

जैसे-जैसे जाँच आगे बढ़ी, कई हाई-प्रोफाइल व्यक्ति, जिनमें प्रमुख कोचिंग सेंटर के मालिक, नियामक निकायों के अधिकारी और यहाँ तक कि कुछ छात्र भी शामिल थे, घोटाले में शामिल पाए गए। उनकी नापाक गतिविधियों का खुलासा होने पता चला की इसकी प्लानिंग नीट पेपर के पहले चल रही थी नीट के पेपर कुछ  गिरोह 20 से 30 लाख रुपए में बेचे जा रहे थे इसपे टीचर का नाम सामने आया है इसका खुलासा उत्तर प्रदेश ने किया है घोटाले का सच तब सामने में 720 /720 लाके  67 बच्चो ने टॉप किया कुछ के 719  और 718 नंबर आए जो की एग्जाम पैटर्न  के हिसाब से नामुकिन था क्युकी   एग्जाम पैटर्न  के हिसाब से हर सही आंसर   नंबर पे 4 नंबर और गलत आंसर पे 1  नंबर कटा जाता  है।

छात्रों पर प्रभाव

नीट घोटाले का सबसे विनाशकारी परिणाम उन छात्रों पर पड़ा, जिन्होंने परीक्षा के लिए अथक परिश्रम किया था। कई योग्य उम्मीदवारों को मेडिकल कॉलेजों में उनके उचित स्थान से वंचित कर दिया गया, जबकि अन्य ने धोखाधड़ी के माध्यम से प्रवेश प्राप्त किया। इन छात्रों पर मानसिक और भावनात्मक रूप से बहुत अधिक प्रभाव पड़ा, जिससे उनके सपने और आकांक्षाएँ धूमिल हो गईं।






 सिस्टम में सुधार

नीट घोटाले के बाद, शिक्षा क्षेत्र में सुधार और जवाबदेही की माँगें तेज़ हो गईं। सख्त नियमों, पारदर्शी प्रक्रियाओं और नैतिक प्रथाओं की ज़रूरत पहले से कहीं ज़्यादा बढ़ गई सुप्रीम कोर्ट में NTA  को  आदेश दिया है की ग्रेस गए 1563   छात्रों की परीक्षा फिर  से  कराई जाए तथा अगर वो परीक्षा नहीं देते है तो उनके ग्रेस  मार्क्स को हटा दिया जाए और  रिजल्ट को फिर से र्घोषित किया जाए |

 जाँच और संतुलन लागू करना

भविष्य में भ्रष्टाचार की घटनाओं को रोकने के लिए, परीक्षा प्रणाली के भीतर मज़बूत जाँच और संतुलन लागू करने की ज़रूरत पर आम सहमति बन रही है। इसमें परीक्षाओं के दौरान कड़े सुरक्षा उपाय, स्वतंत्र निरीक्षण समितियाँ और पारदर्शिता और निष्पक्षता सुनिश्चित करने के लिए नियमित ऑडिट शामिल हैं।

 नैतिक प्रथाओं को बढ़ावा देना

इसके अलावा, छात्रों, शिक्षकों और अधिकारियों के बीच नैतिक प्रथाओं और ईमानदारी की संस्कृति को बढ़ावा देना सिस्टम में विश्वास बहाल करने के लिए महत्वपूर्ण है। ईमानदारी और योग्यता के मूल्यों को स्थापित करके, हम एक ऐसी प्रणाली का निर्माण कर सकते हैं जो शिक्षा और योग्यता-आधारित चयन की सच्ची भावना को बनाए रखे।

 निष्कर्ष

2024 का NEET घोटाला भारतीय शिक्षा प्रणाली के लिए एक चेतावनी के रूप में कार्य करता है, जिसने इसके मूल में घुसपैठ करने वाले गहरे भ्रष्टाचार को उजागर किया। हालाँकि, इसने सुधार और नवीनीकरण का अवसर भी प्रस्तुत किया, जिससे आगे बढ़ने के लिए एक अधिक पारदर्शी, जवाबदेह और नैतिक प्रणाली का मार्ग प्रशस्त हुआ। अतीत की गलतियों से सीखकर और एक उज्जवल भविष्य की दिशा में काम करके, हम यह सुनिश्चित कर सकते हैं कि NEET घोटाले जैसी घटनाएँ कभी न दोहराई जाएँ।

 "पारदर्शिता और जवाबदेही एक निष्पक्ष और न्यायपूर्ण शिक्षा प्रणाली की आधारशिला हैं।"


 https://www.pwms/neet/neet-2024-result-scam/.live/exam

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