नीट क्लीन है : ईओयू की जांच में खुलासा सेंटर पहुंचने से पहले निकला नीट यूजी का पेपर बिहार झारखंड के छात्रों को मिला
बिहार पुलिस की आर्थिक अपराध यूनिट (ईओयू) ने नीट-यूजी पेपर लीक केस की रिपोर्ट सौप दी | सूत्रों के मुताबिक 5 मई को सेंटर पूछने से पहले ही बिहार - झारखंड के 100 छात्रों को नीट का पेपर मिल गया था | परीक्षा माफिया ने पटना में खेमनीचक स्थित लर्न एंड पाय स्कूल में बाईपास के एक होटल में झारखण्ड के कुछ शहरो में सवाल जवाब छात्रों को रटवाए थे | इसके बाद माफिया ने ही छात्रों को परीक्षा केंद्र तक भिजवाया था |
री - नीट :1563 में 750 ने नहीं दी परीक्षा ,झज्जर के 42% गायब
नीट में ग्रेस मार्क्स पाने वाले 1563 छात्रों के लिए रविवार को पांच राज्यों 7 सेंटरों पर दोबारा परीक्षा नहीं हुई | इसमें 813 ही छात्र शामिल हुए और 750 परीक्षा देने नहीं पहुंचे | 5 मई को हुई परीक्षा में हरियाणा के जिस झज्जर ने 6 टोपर दिए थे , वहा 42 % बच्चे री -नीट देने नहीं आए | यहाँ दो सेंटर पर 494 छात्रों को परीक्षा देने थी , लेकिन 287 ही पहुंचे | चंडीगढ़ के सेंट जोसफ स्कूल में केवल दो परीक्षा देनी थी ,लेकिन दोनों नहीं आए | मेघालय में 464 में 234 परीक्षा नहीं आए | छत्तीसगढ़ के दो सेंटरों पर 602 को परीक्षा देनी थी , लेकिन 311 परीक्षा देने नहीं पहुंचे | गुजरात में एक ही छात्र था ,उसने परीक्षा दी |
सीबीआई : पहला केस दर्ज
सोबीआई ने नीट-यूजी मामले में पहला केस धारा 120 की और 420 में दर्ज किया है। म रसरकार ने गोधरा मामले की जांच मोबीआई को सौंप दी है।
एक्शनः 47 छात्र बाहर
एनटीए ने परीक्षा में गड़बड़ी करने पर बिहार के 17 और गुजरात 30 छात्रों को परीक्षा से बाहर करने का नोटिस दिया है। इससे पहले अब तक 63 छात्रों पर कार्रवाई हुई थी।
यूजीसी नेटः टीम पर हमला
यूजीसी नेट मामले की जांच को बिहार के नवादा पहुंची सीबीआई टीम पर ग्रामीणों ने हमला कर दिया। बाद में पुलिस से मदद से 4 लोग गिरफ्तार किए गए।
NTA चैयरमेन जोशी जब MPPSC में थे ,वहां भी गड़बड़ी सामने आई थी
एनटीए के डीजी सुबोध सिंह को हटाने के बाद एनटीए अध्यक्ष प्रोफेसर प्रदीप जोशी पर सवाल उठने शुरू हो गए हैं। दरअसल, जोशी 2006 से 2011 तक एमपीपीएससी के चेयरमैन थे। आयोग ने
2009-10 के बीच 385 प्रोफेसरों की भर्ती की थी। आरोप है कि भर्ती में अपने चहेतों के लिए नियम तोड़े गए। गड़बड़ी सामने आने पर मामले की जांच उच्च शिक्षा विभाग के तत्कालीन आयुक्त उमाकांत उमराव की अध्यक्षता वाली कमेटी को सौंपी गई थी। कमेटी ने 240 छात्रों के दस्तावेजों की जांच की थी जिसमें 54 में गड़बड़ी पाई गई थी। कमेटी ने अपनी रिपोर्ट सौंपने के 24 घंटे बाद ही उमराव को पद से हटा दिया गया था। साथ ही, रिपोर्ट को भी कभी सार्वजनिक नहीं किया गया था। उमराव ने रिपोर्ट के साथ पेश नोटशीट में कहा था कि मामले की जांच किसी स्वतंत्र एजेंसी से कराई जानी चाहिए। 2011 में, प्रो. जोशी छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग चले गए थे।
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