जबलपुर के 11 स्कूलों पर कार्रवाई • गैर - जमानती धाराओं में केस
सोमवार को जबलपुर के जिला प्रशासन ने पूरे प्रदेश में तहलका मचा दिया । शिक्षा के मंदिरों में हो रहे अभिभावकों के शोषण पर अब की सबसे बड़ी कार्यवाही करते हुए 11 स्कूलों में 81 करोड़ की अवैध फीस वसूली के मामले पर जो थानों में 80 फिर दर्ज की गई । प्रिंसिपल , चेयरमैन , प्रोपराइटर पुस्तक विक्रेताओं सहित करीब 21 को गिरफ्तार किया गया है । वही इन 11 स्कूलों पर 22 लाख रुपए का जुर्माना भी लगाया गया है । एक अनुमान के अनुसार यह पुराना मामला करीब 240 करोड रुपए का है । आप स्कूल प्रबंधकों को 30 दिनों के अंदर फीस वापस करनी होगी और यदि वह ऐसा नहीं करते हैं तो लोग और कठोर कार्यवाही करने के लिए जिला प्रशासन तैयार है ।
आम माध्यम वर्ग के परिवारों की पकड़ से दूर हो रहे हैं निजी स्कूलों की लूट को उजागर करते हुए कलेक्टर दीपक सक्सेना और एमपी आदित्य प्रताप सिंह की संयुक्त मुहिम के तहत अप्रैल माह से स्कूलों की जांच शुरू की गई थी इसके बाद इसमें बुक स्टोर को भी शामिल किया गया प्रवेश में पहली खुली जनसुनवाई की गई जिसमें अभिभावकों से स्कूल प्रबंधन की शिकायतें ली गई । इसमें जब बच्चों और अभिभावकों के आर्थिक शोषण का मामला सामने आया तब कलेक्टर ने 11 स्कूलों की जांच के निर्देश दिए ।
जांच का खुलासा सोमवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस करते कलेक्ट हुए कलेक्टर ने बताया कि 11 स्कूलों ने पिछले 5 सालो के दौरान अवैध तरीके से फीस बढ़कर 21000 बच्चों से 81 करोड रुपए से अधिक की वसूली की । नकली किताबो को चलाया , यूनिफॉर्म एक निर्धारित दुकान से लेने के लिए दबाव डाला गया । इसमें क्रिमिनल एंगल यह रहा कि इन स्कूलों ने ऑडिट रिपोर्ट सार्वजनिक नहीं की , फीस बढ़ोतरी की सूचना नहीं दी । इन सबके बाद भी कलेक्टर ने इन स्कूल प्रबंधकों को खुली जनसुनवाई के बाद निर्देश दिए गए थे ।
इन स्कूलों पर हुई कार्यवाही
- स्टेमफील्ड इंटरनेशनल स्कूल , विजयनगर
- क्राइस्ट चर्च डाइमेंशन , घमापुर
- क्राइस्ट चार्ज सीनियर सेकेंडरी स्कूल , सिविल लाइन
- क्राइस्ट चर्च , सालीवाड़
- सेंट अलाॅयसियस , पोलीपथर
- सेंट अलाॅयसियस सीनियर सेकेंडरी स्कूल , सदर
- ज्ञान गंगा आर्किड इंटरनेशनल स्कूल
- लिटिल वर्ल्ड स्कूल ,कटंगा तिलवाड़ा
- क्राइस्ट चर्च बॉय एंड गर्ल्स आईसीएसई
- श्री चैतन्य टेक्नो स्कूल , धनवंतरी नगर
- सेंट्रल लाइसेंस स्कूल , रिमझा
फीस वृद्धि की अनुमति नहीं ली , ऑडिट में भी हेरफेर मिला
- कलेक्टर के अनुसार, जिले में 1035 निजी स्कूल हैं। इनमें से 50 की जांच की गई। यदि सभी की जांच की जाए तो लगभग 60% स्कूलों में मनमानी बढ़ी फीस मिलेगी, जिसका आकलन करीब 240 करोड़ रुपए से ज्यादा निकलेगा।
- 15% से ज्यादा फीस बढ़ान के लिए राज्य सरकार से अनुमति लेनी जरूरी है। फीस बढ़ाने से 90 दिन पहले जानकारी देना अनिवार्य है। यह भी नहीं किया गया। ऑडिट रिपोर्ट पोर्टल में दर्ज नहीं की गई। ऑडिट में हेर-फेर मिली।
- बच्चों के स्कूल बैग का वजन भी 9 किलो तक मिला। स्कूल और पब्लिशर ने मिलकर 64 फीसदी तक नई किताबें छात्रों पर थोपी।
250 शिकायतें मिली थीं
मामले में 250 के करीब शिकायतें मिलीं। इनकी जांच के लिए 11 स्कूलों का चयन हुआ। 8 एसडीएम, 12 तहसीलदार, 25 शिक्षा अधिकारी, 60 अन्य कर्मचारियों को लगाया गया। 51 लोगों पर 80 मामले दर्ज किए गए। स्कूल प्रबंधन पर 30 मामले, पुस्तक विक्रेताओं पर 5 और प्रकाशकों पर 16 मामले दर्ज किए गए हैं।
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