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Kachre की बिजली से कमाए करोड़ों रुपए, रॉयल्टी के नाम पर धेला तक नही दिया

 


क्या कहते है कंपनी के अधिकारी :-

इस मामले में कंपनी के अधिकारियों को कहना था कि नगर निगम ने प्लांट संचालन के लिए हर दिन 450 तन सूखा कचरा देना का वादा किया था| नगर निगम ने आज तक अपना वादा पूरा नहीं किया यानी प्लांट के संचालक के लिए निगम ने कभी भी 450 टन सूखा कचरा रोज नहीं दिया इसलिए उसे रियलिटी का भुगतान नहीं किया गया|ये वारदात जबलपुर मध्य प्रदेश की है !

बाहर से अभी भी आता है कचरा :-

शहर में अभी भी बाहर का कचरा सीपीसीबी (सेंट्रल पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड) की एक प्रतिक्रिया है ई .पी.आर (एक्सटेंडेड प्रोड्यूसर responsibility) ke तहत आ रहा है। इसके तहत बड़ी कंपनियां जितने प्लास्टिक का उपयोग कर रही है उतना प्लास्टिक कटोरा स्थित संयंत्र भी भेज रही है इसका भुगतान भी संबंधित कंपनी ट्रांसपोर्ट को करती है ।

  Fact File :-

  • 11.5 mega watt का हैं बेस्ट टू energy plant
  • 200 करोड़ है प्लांट की लागत
  • 450  टन का कचरा हर दिन नगर निगम को देना है
  • 20 साल की BOD  पर बनाया है  campany ने
  • 1 रुपए सालाना लीज पर नगर निगम ने दी प्लांट की जमीन
  • 20.39 रुपए नगर निगम को प्रति टन कचरे के बदले मिलने थे










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